Friday, April 22, 2011

रातो में दिल ये तन्हा रोता है


तेरी यादों में कुछ यूँ खोता है,
रातों में दिल ये तन्हा रोता है,

इल्म न हो कब जागे, कब सोता है,
रातो में दिल ये तन्हा रोता है,

बंद आखों से तेरे ख्वाब संजोता है,
तेरी ही तमन्ना के मोती पिरोता है,

अपने अरमानो का बोझ कुछ यूँ ढोता है,
रातो में दिल ये तन्हा रोता है,

अब इन अश्को से तेरी तस्वीर धोता है,
रातो में दिल ये तन्हा रोता है,
रातो में दिल ये तन्हा रोता है................ !!!

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