Sunday, August 7, 2011

दोस्ती



कुछ रिश्तो का कोई नाम नहीं,
पर उन में मेरे दो जहाँ रहते है,
ये रिश्ते जो मैंने खुद चुने है,
हम उन्हें दोस्ती कहते है,

तेरी हर छोटी बात पे खुश,
तेरी हर हरकत को हंस के सहते है,
ये रिश्ते जो मैंने खुद चुने है,
हम उन्हें दोस्ती कहते है,

खफा हो कर भी हमेशा तेरे साथ ही हैं,
नाराजगी में तुझसे ज्यादा अपने आँसू बहते है,
जितनी  भी दूरी बनाये तुझसे इस जीवन में,
तेरी यादो में तेरे साथ ही रहते है,

जब हो तुझे ज़रुरत किसी अपने  की,
उस वक़्त के लिए आज ही हम कहते है,
पुकार लेना मेरी जान मुझे पूरे हक से,
तेरे लिए खुदा से भी लड़ सकते है,

अपने खुदा को भी इतना करीब न आने दिया,
जितने करीब हम तुम को रखते है,
तभी दर्द तुम से कुछ ज्यादा मिलता है,
इस लिए ही कुछ खफा से रहते है,

पर तुझे भूल न पाएंगे कभी,
तेरी धडकनों में कहीं हम भी बहते है,
ये रिश्ते जो मैंने खुद चुने है,
हम उन्हें दोस्ती कहते है.....!!!